
Haryana Board Exam: हरियाणा में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में नकल की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड ने एक नई योजना तैयार की है। इस योजना के तहत फ्लाइंग स्क्वायड टीम के मार्ग को रोजाना बदला जाएगा। इसका उद्देश्य परीक्षा के दौरान नकल को रोकना और बोर्ड परीक्षा के पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है।
हरियाणा शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मनीष नागपाल का कहना है कि फ्लाइंग स्क्वायड के मार्ग को हर दिन नए तरीके से तैयार किया जाएगा, ताकि नकल की घटनाओं को सख्ती से रोका जा सके। नए मार्ग की जानकारी उसी दिन दी जाएगी जब फ्लाइंग स्क्वायड की टीम परीक्षा के दौरान अपनी ड्यूटी पर रहेगी।
फ्लाइंग स्क्वायड की जिम्मेदारियाँ क्या होंगी?
हरियाणा शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मनीष नागपाल ने फ्लाइंग स्क्वायड टीम के कामकाजी दायित्वों के बारे में विस्तार से बताया। उनका कहना था कि फ्लाइंग स्क्वायड को किसी एक परीक्षा केंद्र पर पहुंचकर परीक्षा की निगरानी करनी होगी। इसके साथ ही, स्क्वायड टीम को अपनी फोटो देना भी जरूरी होगा, ताकि उनकी पहचान और कार्यप्रणाली की पुष्टि हो सके।
डॉ. नागपाल ने यह भी स्पष्ट किया कि जो प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे, वे पुराने थे। इन पुराने प्रश्नपत्रों को “नकली” और “धोखाधड़ी” से जोड़कर बेचा जा रहा था। यह प्रयास किया जा रहा है कि ऐसी घटनाओं को रुकवाया जा सके और परीक्षा के दौरान नकल जैसी गतिविधियों से बचा जा सके।
बोर्ड परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों की संख्या
हरियाणा बोर्ड के वार्षिक परीक्षा में इस बार 5 लाख 16 हजार 787 छात्र शामिल हो रहे हैं। इनमें से 4 लाख 75 हजार 620 नियमित छात्र हैं और 41 हजार 167 छात्र दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस लर्निंग) के तहत परीक्षा दे रहे हैं। इनमें 2 लाख 72 हजार 421 लड़के और 2 लाख 44 हजार 366 लड़कियां हैं।
10वीं कक्षा के 2 लाख 77 हजार 460 छात्र और 12वीं कक्षा के 1 लाख 98 हजार 160 छात्र बोर्ड परीक्षा में हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा, ओपन स्कूल परीक्षा में भी 15,935 10वीं कक्षा के छात्र और 25,232 12वीं कक्षा के छात्र भाग ले रहे हैं।
परीक्षा केंद्रों और फ्लाइंग स्क्वायड की संख्या
डॉ. मनीष नागपाल ने जानकारी दी कि हरियाणा राज्य में इस वर्ष 1,434 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों की निगरानी के लिए 226 फ्लाइंग स्क्वायड टीमों का गठन किया गया है। इसका मतलब है कि प्रत्येक फ्लाइंग स्क्वायड टीम के लिए लगभग 6 परीक्षा केंद्रों की जिम्मेदारी होगी।
फ्लाइंग स्क्वायड की टीम को प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर 3 घंटे तक ड्यूटी निभानी होगी। इस दौरान टीम यह सुनिश्चित करेगी कि परीक्षा केंद्र पर नकल या अन्य अनुशासनहीन गतिविधियां न हों। यह कदम हरियाणा शिक्षा बोर्ड की ओर से परीक्षा की पारदर्शिता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
नकल के खिलाफ बोर्ड की सख्त कार्रवाई
हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने नकल रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। अब तक, हरियाणा बोर्ड की सात परीक्षाएं हो चुकी हैं, जिनमें 257 नकल करने वाले छात्रों को पकड़ा गया है। इसके साथ ही बोर्ड ने नकल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है, ताकि आने वाले समय में परीक्षा में नकल की घटनाओं को रोका जा सके।
डॉ. मनीष नागपाल ने यह भी कहा कि बोर्ड की टीम द्वारा कड़ी निगरानी, फ्लाइंग स्क्वायड की तैनाती, और अन्य सुरक्षा उपायों के चलते नकल की घटनाओं में कमी आएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो पुराने प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे, उन्हें पहले ही फर्जी करार दिया जा चुका है और ऐसे प्रयासों को रोका जाएगा।
सख्त सुरक्षा व्यवस्था
परीक्षाओं के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे, हेल्पलाइन नंबर, और कड़ी निगरानी रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, जो छात्रों ने पहले से नकल करने की योजना बनाई है, उनके लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा।
भविष्य में सुधार की दिशा
हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने यह भी कहा कि भविष्य में परीक्षा प्रणाली को और ज्यादा मजबूत बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। इसमें शामिल हैं:
- ऑनलाइन निगरानी प्रणाली को और बेहतर बनाना।
- विवादित प्रश्नपत्रों की जांच और सत्यापन के लिए कड़े उपाय।
- वर्तमान परीक्षा प्रक्रियाओं को और पारदर्शी और सुरक्षित बनाना।
- छात्रों को नकल से बचने के लिए जागरूक करना।
हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने नकल रोकने के लिए ठोस कदम उठाए हैं और इसके लिए फ्लाइंग स्क्वायड टीम की तैनाती को और प्रभावी बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। शिक्षा बोर्ड ने यह सुनिश्चित किया है कि परीक्षा के दौरान कोई भी नकल करने में सफल न हो और हर छात्र को समान अवसर प्राप्त हो। डॉ. मनीष नागपाल के नेतृत्व में बोर्ड ने नकल पर कड़ी नजर रखते हुए छात्रों और शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा देने का प्रयास किया है।
बोर्ड के द्वारा उठाए गए कड़े कदम यह साबित करते हैं कि समान और निष्पक्ष परीक्षा हर छात्र का अधिकार है। अब छात्रों को अपनी मेहनत और ईमानदारी से परीक्षा में सफलता प्राप्त करनी होगी।