Haryana में बारिश और ओलावृष्टि से फसल नुकसान के लिए खोला गया ई-प्रतिपूर्ति पोर्टल
हरियाणा मुख्यमंत्री नाइब सिंह सैनी ने ओलावृष्टि और अनियमित बारिश से फसलों को हुए नुकसान की जानकारी दर्ज करने के लिए ई-सम्पेन्सेशन पोर्टल खोला है। कुरुक्षेत्र के शाहाबाद तहसील और बाबैन उप-तहसील के प्रभावित किसानों को 20 मार्च 2025 तक पोर्टल पर पंजीकरण करने की अपील की गई है।

Haryana के मुख्यमंत्री, नायब सिंह सैनी ने राज्य में ओलावृष्टि और अप्रत्याशित बारिश से हुई फसल हानि की जानकारी दर्ज करने के लिए एक ई-प्रतिपूर्ति पोर्टल खोलने का निर्देश हाल ही में दिया। उन्होंने संबंधित जिलों के डिप्टी कमिश्नरों से कहा कि वे किसानों की मदद करें और उनकी फसलों के नुकसान की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करें, ताकि जल्द से जल्द किसानों को उनकी फसल के नुकसान की मुआवजा राशि मिल सके।
कृषि और किसान कल्याण के लिए सरकार की पहल
सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले कुरुक्षेत्र के 97 गांवों, जिसमें तहसील शाहाबाद के सभी गांव और उप-तहसील बाबैन के 7 गांव शामिल हैं, में ओलावृष्टि और बारिश के कारण फसलें भारी नुकसान से जूझ रही हैं। इसके मद्देनजर, किसानों के हक में एक सकारात्मक कदम उठाते हुए ई-प्रतिपूर्ति पोर्टल खोलने की सिफारिश की गई थी।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह पोर्टल 20 मार्च 2025 तक खोला है, जिससे प्रभावित किसानों को अपनी फसल का नुकसान दर्ज करने का मौका मिलेगा। किसानों से अनुरोध किया गया है कि वे इस पोर्टल पर अपनी खराब फसलों की जानकारी तत्काल पंजीकृत करें, ताकि उनका मुआवजा जल्दी से जल्दी जारी किया जा सके।
ई-प्रतिपूर्ति पोर्टल की कार्यप्रणाली
ई-प्रतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से किसान अपनी फसल की क्षति का विवरण सीधे ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं। इस पोर्टल के जरिए किसान अपनी फसल का पूरा विवरण, जैसे कि किस गांव और तहसील में फसल का नुकसान हुआ, किस प्रकार की फसल थी, और कितनी फसल प्रभावित हुई, दर्ज कर सकते हैं। इसके बाद संबंधित विभाग इस जानकारी का सत्यापन करेगा और फिर मुआवजे की प्रक्रिया शुरू होगी।
इस पहल के माध्यम से राज्य सरकार का उद्देश्य यह है कि किसानों को जल्दी से जल्दी मुआवजा मिल सके और उन्हें किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। साथ ही, यह पोर्टल प्रशासन के लिए भी एक सुविधाजनक तरीका होगा, जिससे फसल नुकसान की सही जानकारी समय पर प्राप्त हो सके और उचित मुआवजा वितरण की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
कृषि विभाग की तैयारी
राज्य सरकार ने किसानों को नुकसान का विवरण सही तरीके से पंजीकरण करने के लिए कृषि विभाग के कर्मचारियों को निर्देशित किया है। विभाग ने गांव-गांव में जागरूकता अभियान भी चलाने का निर्णय लिया है, ताकि किसान इस पोर्टल के बारे में पूरी तरह से जानकारी प्राप्त कर सकें और उन्हें इस पोर्टल पर जानकारी पंजीकरण में कोई समस्या न हो।
इसके साथ ही, राज्य सरकार ने किसानों को सलाह दी है कि वे किसी भी प्रकार की अनावश्यक देरी से बचें और पोर्टल पर जल्द से जल्द अपनी जानकारी अपडेट करें। ताकि किसी भी प्रकार की भूल-चूक या समस्या के बिना उनकी फसल क्षति का मुआवजा समय पर मिल सके।
फसल हानि के कारण और प्रभाव
हरियाणा में ओलावृष्टि और अनियंत्रित बारिश से होने वाली फसल हानि विशेष रूप से गेहूं, सरसों, और अन्य रबी फसलों को प्रभावित करती है। इस प्रकार की घटनाएं किसानों के लिए बहुत कठिनाई का कारण बनती हैं क्योंकि वे साल भर की मेहनत से उगाई गई अपनी फसल से भविष्य में अपने परिवार की जीविका चलाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में सरकार की मुआवजा योजना किसानों को राहत प्रदान करती है, जिससे उनका हौसला बढ़ता है और वे भविष्य में बेहतर तरीके से कृषि कार्य कर पाते हैं।
मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, “हमारी सरकार हमेशा किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। ओलावृष्टि और अनियंत्रित बारिश से हुई फसल हानि के कारण किसानों की समस्याओं को देखते हुए, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें समय पर मुआवजा मिले और उनकी कठिनाइयों का समाधान हो सके।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है और किसी भी आपदा के समय उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वे इस पोर्टल का उपयोग करें और अपनी जानकारी जल्दी से जल्दी पंजीकृत करें ताकि उनकी फसल हानि का मुआवजा समय पर मिल सके।
हरियाणा सरकार द्वारा खोला गया ई-प्रतिपूर्ति पोर्टल किसानों के लिए एक अहम कदम साबित हो सकता है, जो उनकी फसल हानि का मुआवजा त्वरित और पारदर्शी तरीके से प्राप्त करने में मदद करेगा। इस पहल से यह सुनिश्चित होगा कि किसानों को उनकी कठिनाई के समय में सरकार से समय पर मदद मिल सके और उनकी मेहनत का उचित मुआवजा मिल सके। किसानों को पोर्टल के माध्यम से अपनी जानकारी जल्दी से जल्दी पंजीकरण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि उनकी परेशानियों का समाधान जल्दी हो सके और उनका भविष्य सुरक्षित बने।