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Bullet Train: दिल्ली-अमृतसर परियोजना को मिली हरी झंडी, इस गांवों की जमीनों के रेटों में आया उछाल

दिल्ली और अमृतसर के बीच बुलेट ट्रेन के निर्माण के लिए हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर परियोजना की शुरुआत हो चुकी है। यह 465 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा। किसानों को भूमि अधिग्रहण के बदले पांच गुना मुआवजा मिलेगा, जिससे विकास और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

Bullet Train: दिल्ली और अमृतसर के बीच हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। रेलवे ने इस परियोजना के लिए सर्वेक्षण शुरू कर दिया है, जिसके तहत दिल्ली से अमृतसर के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की योजना पर काम किया जा रहा है।

केंद्र सरकार ने बुलेट ट्रेन परियोजना को हरी झंडी दिखा दी है। इसके लिए हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के 343 गांवों के किसानों और जमीन मालिकों से जमीन खरीदी जा रही है।  इसके साथ ही, किसानों को उनके खेतों के अधिग्रहण के बदले में पांच गुना मुआवजा दिया जाएगा।

दिल्ली-अमृतसर हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर की महत्वाकांक्षी योजना

भारत सरकार ने 2019 में देश में 6 नई हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई थी, जिसमें दिल्ली-अमृतसर बुलेट ट्रेन हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर भी शामिल था। इस योजना के तहत, दिल्ली से अमृतसर तक की यात्रा को और तेज़ और आरामदायक बनाने के लिए बुलेट ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई है।

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दिल्ली-अमृतसर हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर कुल 465 किलोमीटर लंबा होगा, और यह दिल्ली से शुरू होकर पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। इस कॉरिडोर पर चलने वाली बुलेट ट्रेन की गति 350 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी, जो इस क्षेत्र में ट्रेनों की गति को मौजूदा रेल नेटवर्क से कहीं अधिक तेज़ बना देगा।

रेलवे और पंजाब यूरेबन प्लानिंग डिवेलपमेंट अथॉरिटी (PUDA) का संयुक्त प्रयास

उत्तरी रेलवे (Northern Railway) ने इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। इस रिपोर्ट के तैयार होने के बाद, पूरी परियोजना की रूपरेखा और कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस परियोजना में पंजाब यूरेबन प्लानिंग और डिवेलपमेंट अथॉरिटी (PUDA) के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।

इस योजना के तहत, रेलवे को 321 गांवों की ज़मीन अधिग्रहित करनी होगी। यह कदम पूरी परियोजना के निर्माण के लिए आवश्यक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। अधिग्रहित ज़मीन के बदले किसानों को उनके खेतों की वैल्यू के हिसाब से पांच गुना मुआवजा देने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा, पंजाब सरकार जल्द ही भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा राशि की घोषणा करने वाली है।

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किसानों को मिलेगा पांच गुना मुआवजा

यह योजना किसानों के लिए एक राहत की खबर लेकर आई है, क्योंकि भूमि अधिग्रहण के बदले में उन्हें उचित मुआवजा मिलेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसानों को उनकी ज़मीन के मूल्य के मुकाबले पांच गुना अधिक मुआवजा मिलेगा, जो कि इस परियोजना के तहत एक सकारात्मक कदम साबित होगा। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ेगा और वे इस बदलाव को समझकर सहयोग करेंगे।

पंजाब सरकार द्वारा जल्द ही मुआवजा राशि के बारे में एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की जाएगी, जिससे किसानों को इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण के दौरान मिलने वाली मुआवजा राशि के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी।

हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर का प्रभाव

दिल्ली-अमृतसर हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर के निर्माण से न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगा। अमृतसर और दिल्ली के बीच वर्तमान में ट्रेन द्वारा यात्रा में लगभग 6-8 घंटे का समय लगता है, लेकिन बुलेट ट्रेन की मदद से यह यात्रा केवल 2-3 घंटे में पूरी हो जाएगी। इस कॉरिडोर के संचालन से व्यापार, पर्यटन और अन्य सामाजिक गतिविधियों में भी सुधार आएगा।

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चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी से इन राज्यों के विकास को भी नई दिशा मिलेगी। साथ ही, यह नई परियोजना उन लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी जो इस निर्माण कार्य से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होंगे।

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Sunil Chauhan

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