
Delhi Pollution News: दिल्ली में शुक्रवार को एक बार फिर से एंटी-पॉल्यूशन प्रतिबंध लागू कर दिए गए, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु गुणवत्ता और भी खराब हो गई थी। यह बदलाव चार दिन पहले, सोमवार को, जब वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने प्रतिबंधों को हटाया था, उसके तुरंत बाद हुआ है।
पिछले सोमवार को CAQM ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के पहले चरण को हटाया था, जो 15 अक्टूबर से दिल्ली में लागू था। हालांकि, शुक्रवार को फिर से GRAP के पहले चरण के तहत 27 बिंदुओं वाले एक्शन प्लान को लागू कर दिया गया है। इस प्लान में कचरे के नियमित उठाव, निर्माण और विध्वंस कचरे (C&D) और खतरनाक कचरे को डंप साइट से हटाना, यांत्रिक सफाई, पानी छिड़काव और एंटी-स्मॉग गन और धूल नियंत्रण उपायों के इस्तेमाल को बढ़ाना शामिल है।
CAQM के आदेश के अनुसार, जब दिल्ली की दैनिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 के पार जाता है, तो Phase 1 के GRAP को लागू किया जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 202 था, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। जबकि गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 124 था, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में था।
CAQM के आदेश में कहा गया है, “दिल्ली-NCR में शांत हवाओं और प्रतिकूल मौसम की स्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक में वृद्धि देखी गई है।” भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे द्वारा जारी की गई भविष्यवाणी के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक मुख्य रूप से ‘खराब’ श्रेणी में बने रहने की संभावना है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव
दिल्ली में वायु प्रदूषण का असर लगातार बढ़ता जा रहा है। बढ़ते वायु प्रदूषण से शहर की हवा में अत्यधिक धूल और अन्य हानिकारक तत्वों की मात्रा बढ़ गई है, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण बढ़ते निर्माण कार्य, कचरे का निस्तारण, वाहनों का बढ़ता संख्या और सर्दी के मौसम में बढ़ते जैविक जलवायु प्रदूषण है।
पिछले कुछ दिनों में दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर अचानक बढ़ने से एक बार फिर से शहरवासियों को धूल और धुएं से भरी हवा का सामना करना पड़ रहा है। खासकर उन लोगों को जिनके श्वसन तंत्र कमजोर हैं, जैसे कि बच्चे, बुजुर्ग और अस्थमा या अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोग, उन्हें अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
GRAP के पहले चरण के उपाय
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के पहले चरण के तहत कुछ महत्वपूर्ण उपायों को लागू किया गया है:
- कचरा उठाना और साफ सफाई: कचरे का नियमित उठाव और डंप साइटों से निर्माण और विध्वंस कचरे का हटाना सुनिश्चित किया जाएगा।
- धूल नियंत्रण उपाय: सड़क की सफाई के लिए यांत्रिक सफाई और पानी छिड़काव किया जाएगा।
- एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल: स्मॉग गन और अन्य धूल नियंत्रण उपायों का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा।
- वाहनों के उत्सर्जन में कमी: प्रदूषण को कम करने के लिए वाहन उत्सर्जन को नियंत्रित किया जाएगा।
इन उपायों का उद्देश्य वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना और लोगों की सेहत पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम करना है।
दिल्ली में प्रदूषण की बढ़ती समस्या और समाधान
दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। हर साल सर्दी के मौसम में वायु गुणवत्ता में गिरावट आती है, जिससे प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार और नागरिक दोनों को मिलकर उपाय करने होंगे। शहर में हरे-भरे क्षेत्रों का विस्तार, कार्बन उत्सर्जन को कम करना और कचरे का सही तरीके से निपटारा करना कुछ ऐसे कदम हैं, जिन्हें लिया जा सकता है।
इसके साथ ही, लोगों को भी प्रदूषण के खतरों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है ताकि वे स्वच्छता बनाए रखने के लिए कदम उठा सकें। मास्क का इस्तेमाल, वाहनों का कम उपयोग और धूल नियंत्रित करने वाले उपायों को बढ़ाना इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं।