HBSE अध्यक्ष ने बताईं पेपर आउट की वजहें, कहा – ईमानदारी से करें परीक्षा की तैयारी!

हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HBSE) के नवनियुक्त अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. पवन कुमार शर्मा ने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं और हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (HTET) के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस बातचीत में उन्होंने पेपर आउट और अन्य परीक्षाओं के मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए और राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी स्पष्ट राय रखी।
पेपर आउट की घटना पर अध्यक्ष का बयान
हरियाणा में हर साल बोर्ड परीक्षाओं के दौरान पेपर आउट होने की घटनाएं सामने आती रही हैं। इस पर प्रोफेसर डॉ. पवन कुमार शर्मा ने कहा कि यह एक गंभीर विषय है और इस पर पूरी सख्ती से काम किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “परीक्षाओं में धोखाधड़ी का कोई स्थान नहीं है, और न ही भविष्य में कोई स्थान होगा।” उनका मानना है कि इस तरह की घटनाएं विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करती हैं और शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को यह समझना चाहिए कि सिर्फ “मेहनत और ईमानदारी” से ही उनका भविष्य बन सकता है, न कि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से।
कड़ी कार्रवाई करने की योजना
डॉ. पवन कुमार शर्मा ने पेपर आउट की घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई की योजना का भी खुलासा किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और भी सख्त करेगा। इसके लिए “गोपनीयता और निगरानी प्रणाली” को बेहतर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है कि परीक्षाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से लिया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को बढ़ावा न मिले।
शिक्षा व्यवस्था पर विश्वास जताते हुए अध्यक्ष ने कहा
हरियाणा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष ने इस दौरान राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर विश्वास जताते हुए कहा कि “हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था में कोई भी प्रश्न चिह्न नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार कर रही है और बच्चों को बेहतर गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए कई पहल की जा रही हैं।
डॉ. शर्मा ने यह भी बताया कि बोर्ड की परीक्षाओं में सुधार के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके और वे सही दिशा में आगे बढ़ सकें। उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड के शिक्षकों और अधिकारियों की मेहनत से ही यह संभव हो पा रहा है कि छात्रों को एक पारदर्शी और निष्पक्ष शिक्षा मिल रही है।
HTET (हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा) के संबंध में अध्यक्ष का दृष्टिकोण
हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (HTET) को लेकर भी डॉ. पवन कुमार शर्मा ने अपनी राय दी। उन्होंने बताया कि HTET परीक्षा के माध्यम से योग्य और प्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती की जाती है, जो राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दे सकें। उन्होंने कहा कि HTET की प्रक्रिया में भी पूरी पारदर्शिता रखी जाती है और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को पूरी तरह से नकारा जाता है।
डॉ. शर्मा ने यह भी कहा कि HTET के माध्यम से जो शिक्षक चयनित होते हैं, वे शिक्षा के क्षेत्र में “नैतिकता और ईमानदारी” के साथ कार्य करते हैं। उन्होंने शिक्षकों से यह भी अपील की कि वे विद्यार्थियों को केवल पाठ्यक्रम नहीं, बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण मूल्य भी सिखाएं।
शिक्षा में सुधार के लिए उठाए गए कदम
हरियाणा सरकार ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए “नए पाठ्यक्रम” तैयार किए जा रहे हैं और “शिक्षकों का प्रशिक्षण” भी बेहतर किया जा रहा है। उनका कहना था कि राज्य सरकार छात्रों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि विद्यार्थियों को “व्यावसायिक शिक्षा” और “तकनीकी शिक्षा” भी दी जा रही है ताकि वे भविष्य में रोजगार के अवसरों का फायदा उठा सकें। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से न केवल छात्रों का समग्र विकास होगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
राज्य में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए क्या किया जा रहा है
डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि राज्य में “शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने” के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। इनमें से एक “डिजिटल शिक्षा” है, जो छात्रों को ऑनलाइन संसाधनों के माध्यम से शिक्षा प्रदान करती है। इससे विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक अवसर मिलेंगे और वे बेहतर तरीके से अपनी पढ़ाई कर सकेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार ने “शिक्षकों के लिए लगातार प्रशिक्षण” की व्यवस्था की है ताकि वे बदलते हुए शैक्षिक परिवेश के अनुरूप अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से कर सकें।
कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के बारे में अध्यक्ष का बयान
डॉ. पवन कुमार शर्मा ने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि “यह परीक्षाएं छात्रों के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं और इनका सही तरीके से संचालन बहुत जरूरी है।” उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड परीक्षा के परिणाम केवल छात्रों के “समर्पण” और “मेहनत” पर आधारित होते हैं और परीक्षाएं निष्पक्ष रूप से ली जाएं, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
प्रोफेसर डॉ. पवन कुमार शर्मा के विचारों से यह साफ है कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड छात्रों के भविष्य को सुरक्षित और उज्जवल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने पेपर आउट जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का संकल्प लिया है और इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। उनका मानना है कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ अच्छे अंक प्राप्त करना नहीं बल्कि विद्यार्थियों को जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों और व्यावसायिक कौशलों से भी लैस करना है।