Haryana Anganwadi Recruitment: आंगनवाड़ी केंद्रों 2400 सीटें खाली सीटें, यहां जाने पद वाईज सूची
हरियाणा के अंगनवाड़ी केंद्रों में काफी पद खाली पड़े हैं। कांग्रेस विधायक पूजा चौधरी ने विधानसभा में इन पदों को भरने की मांग की। महिला और बाल विकास मंत्री ने बताया कि केंद्र की दिशा-निर्देशों के अनुसार जल्द ही ये पद भरे जाएंगे।

Haryana Anganwadi Recruitment: हरियाणा में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों में काफी कर्मचारियों के पद खाली पड़े हुए हैं। राज्य सरकार केंद्रीय दिशा-निर्देशों के अनुसार इन पदों को भरने के लिए नियम बना रही है। मंगलवार को मुल्लाना से कांग्रेस विधायक पूजा चौधरी ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया और एक सवाल के जरिए सरकार से आंगनवाड़ी केंद्रों में सहायिका, कार्यकर्ता और पर्यवेक्षिका के खाली पदों को भरने की मांग की।
महिला और बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी ने विधानसभा में बताया कि राज्य में फिलहाल आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए 25,962 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 23,413 पद भरे हुए हैं और 2,549 पद खाली हैं। वहीं, आंगनवाड़ी सहायिका के लिए 25,450 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 21,011 पद भरे हुए हैं और 4,439 पद खाली हैं। आंगनवाड़ी पर्यवेक्षिका के 1,016 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 898 पद भरे हुए हैं और 118 पद खाली हैं।
हरियाणा सरकार ने विधानसभा में बताया कि इन खाली पदों को भरने के लिए केंद्र की दिशा-निर्देशों के अनुसार नियम बनाए जा रहे हैं, जो बहुत जल्द तैयार होंगे। राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि इस वर्ष के अंत तक आंगनवाड़ी केंद्रों में सभी खाली पदों को भर दिया जाएगा। सरकार ने हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (HSSC) को आंगनवाड़ी पर्यवेक्षिका के पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए मांग भेजी है।
हरियाणा के विभिन्न जिलों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए खाली पदों की संख्या में काफी अंतर है। राज्य के सोनीपत जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के 225 और सहायिकाओं के 360 पद खाली हैं। अन्य जिलों की स्थिति भी चिंताजनक है, जिसमें कई जगहों पर कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के खाली पदों की संख्या काफी बड़ी है। यह खाली पद न केवल कर्मचारियों पर अतिरिक्त दबाव डाल रहे हैं, बल्कि बच्चों और महिलाओं को मिलने वाली सेवाओं पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
आंगनवाड़ी केंद्रों में इन पदों के खाली होने के कारण कार्यरत कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। इससे कार्यकुशलता पर असर पड़ता है और आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों और महिलाओं को दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में कमी आ सकती है। यह समस्या विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक गंभीर हो सकती है, जहां आंगनवाड़ी केंद्र ही मुख्य सेवा प्रदाता होते हैं।
सरकार का यह वादा कि इस वर्ष के अंत तक इन पदों को भरा जाएगा, एक सकारात्मक कदम है। खाली पड़े पदों को भरने से न केवल कर्मचारियों पर दबाव कम होगा, बल्कि बच्चों और महिलाओं को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्य करने वाली टीम में पर्याप्त संख्या में योग्य कर्मचारी हों, ताकि उन्हें अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने में कोई कठिनाई न हो।
हरियाणा सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी तत्परता दिखाई है और यह सुनिश्चित किया है कि जल्द ही इन पदों को भरा जाएगा। सरकार ने यह भी बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए नियमों को केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार शीघ्र बनाया जाएगा और भर्ती प्रक्रिया इस वर्ष शुरू कर दी जाएगी। यह भर्ती प्रक्रिया कर्मचारियों की कमी को पूरा करने में मदद करेगी और आंगनवाड़ी सेवाओं की गुणवत्ता को सुधारने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
हरियाणा में आंगनवाड़ी केंद्रों में खाली पदों का मुद्दा गंभीर है, लेकिन सरकार इसे शीघ्र हल करने की दिशा में काम कर रही है। इन पदों को भरने से न केवल आंगनवाड़ी सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को भी लाभ मिलेगा। सरकार से यह उम्मीद की जाती है कि वह इस प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करेगी और आंगनवाड़ी केंद्रों को कर्मचारियों की पूरी टीम से लैस करेगी, ताकि सेवाओं में सुधार हो सके।