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Haryana: शिक्षकों की मनमानी, बायोमेट्रिक उपस्थिति को किया अनदेखा!

हरियाणा के जींद जिले में कई स्कूलों के शिक्षक बायोमेट्रिक उपस्थिति नहीं लगा रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी बीईओ, प्रधानाचार्यों और प्रधानाध्यापकों को इसे अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए हैं।

Haryana: हरियाणा के जींद जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां कई सरकारी स्कूलों के शिक्षक बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने से बच रहे हैं। सरकार द्वारा लागू की गई इस प्रणाली के बावजूद कुछ शिक्षक अब भी इसकी अनदेखी कर रहे हैं।

इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग सख्त हो गया है और जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों (BEO), प्रिंसिपल्स और हेडमास्टर्स को सख्त निर्देश जारी किए हैं। अब हर सरकारी स्कूल में बायोमेट्रिक हाजिरी को अनिवार्य रूप से लागू करने के आदेश दिए गए हैं।

जींद जिले में 724 सरकारी स्कूल, लेकिन शिक्षक नहीं लगा रहे बायोमेट्रिक हाजिरी

जींद जिले में कुल 724 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें –

  •  220 हाई स्कूल
  •  424 प्राइमरी स्कूल
  •  80 मिडिल स्कूल

शामिल हैं। इन स्कूलों में 8000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी कार्यरत हैं। सभी स्कूलों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लगाया गया है, ताकि शिक्षकों की उपस्थिति को सही तरीके से रिकॉर्ड किया जा सके।

लेकिन इसके बावजूद कुछ शिक्षक अब भी बायोमेट्रिक हाजिरी दर्ज नहीं कर रहे हैं, जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने सख्ती दिखाई है।

सरकार की सख्ती के बाद DEO ने जारी किए निर्देश

हरियाणा सरकार ने स्कूलों में अनुशासन और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी की व्यवस्था लागू की थी। इससे पहले भी कई बार शिक्षकों को इस व्यवस्था का पालन करने के लिए कहा गया, लेकिन कई शिक्षक अभी भी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे।

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अब जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों (BEOs), स्कूल प्रिंसिपल्स और हेडमास्टर्स को पत्र जारी कर यह आदेश दिया है कि –

  •  हर शिक्षक को नियमित रूप से बायोमेट्रिक हाजिरी लगानी होगी।
  •  बिना हाजिरी लगाए गैरहाजिर शिक्षकों पर कार्रवाई होगी।
  •  स्कूलों में उपस्थिति की सख्ती से निगरानी की जाएगी।
  •  यदि कोई शिक्षक आदेशों की अनदेखी करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

बायोमेट्रिक हाजिरी क्यों जरूरी?

बायोमेट्रिक हाजिरी सिस्टम लागू करने का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में अनुशासन बनाए रखना और शिक्षकों की अनावश्यक गैर-हाजिरी पर रोक लगाना है।

  • इससे शिक्षकों की वास्तविक उपस्थिति सुनिश्चित होती है।
  • छात्रों की शिक्षा प्रभावित नहीं होती।
  • स्कूलों में पारदर्शिता बनी रहती है।
  • बिना बताए अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई संभव होती है।

लेकिन कई शिक्षक अब भी इस सिस्टम को अपनाने में आनाकानी कर रहे हैं।

शिक्षकों की मनमानी पर शिक्षा विभाग नाराज

शिक्षा विभाग के अनुसार, कुछ शिक्षक जानबूझकर बायोमेट्रिक हाजिरी से बच रहे हैं। कई मामलों में तो शिक्षक बिना स्कूल आए ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी।

अब सरकार ने इस लापरवाही को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का फैसला किया है।

  • यदि कोई शिक्षक बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगाता है, तो उसे गैरहाजिर माना जाएगा।
  • ऐसे शिक्षकों पर वेतन कटौती जैसी कार्रवाई हो सकती है।
  • आवश्यकता पड़ने पर विभागीय जांच भी हो सकती है।

स्कूल प्रशासन का क्या कहना है?

इस मुद्दे पर जब कुछ स्कूल प्रिंसिपल्स और शिक्षकों से बातचीत की गई, तो उन्होंने इस सिस्टम की कुछ तकनीकी खामियों की ओर भी इशारा किया।

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एक स्कूल प्रिंसिपल का कहना है: “कई बार बायोमेट्रिक मशीन में तकनीकी खराबी आ जाती है, जिससे उपस्थिति दर्ज करना मुश्किल हो जाता है।”

वहीं, एक शिक्षक का कहना है: “हम बायोमेट्रिक हाजिरी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कई बार नेटवर्क की समस्या होती है, जिससे उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती।”

हालांकि, शिक्षा विभाग का कहना है कि अगर कोई तकनीकी समस्या आती है, तो उसे तुरंत सुलझाने के निर्देश दिए गए हैं।

छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया

बायोमेट्रिक हाजिरी को लेकर छात्रों और अभिभावकों ने इस पहल का समर्थन किया है।

  • छात्रों का कहना है कि इससे शिक्षक नियमित रूप से स्कूल आएंगे और पढ़ाई में कोई बाधा नहीं होगी।
  • अभिभावकों का मानना है कि शिक्षकों की गैर-हाजिरी से उनके बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ता है, ऐसे में यह कदम सही दिशा में है।

बायोमेट्रिक हाजिरी पर अन्य जिलों का अनुभव

हरियाणा के कई अन्य जिलों में भी पहले बायोमेट्रिक हाजिरी को लेकर शिक्षकों की नाराजगी देखने को मिली थी। लेकिन सख्ती के बाद अब अधिकतर जिले इस सिस्टम को अपना चुके हैं।

  • गुरुग्राम, फरीदाबाद और पानीपत जैसे जिलों में यह व्यवस्था पहले से लागू है और सफल रही है।
  • रोहतक और करनाल में भी अब यह सिस्टम पूरी तरह लागू हो गया है।

अब जींद जिला भी इस व्यवस्था को सही तरीके से लागू करने की ओर बढ़ रहा है।

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क्या होगी अगली कार्रवाई?

  •  सरकार और शिक्षा विभाग इस बार किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।
  •  यदि शिक्षकों ने बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगाई, तो उनकी वेतन रोकने जैसी कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
  •  इसके अलावा स्कूल निरीक्षण तेज किया जाएगा, ताकि सुनिश्चित हो सके कि हर शिक्षक उपस्थित हो।

जींद जिले के सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक हाजिरी को लेकर शिक्षकों की अनदेखी अब सरकार की नजर में आ गई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूलों को बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य रूप से लागू करने के आदेश दिए हैं।

यदि शिक्षक इस आदेश का पालन नहीं करते, तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या शिक्षक इस नई व्यवस्था को अपनाते हैं या फिर सरकार को और कड़े कदम उठाने पड़ेंगे!

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Sunil Chauhan

मैं इस साइट पर शिक्षा, देश विदेश, राजनीति, अपराध, नौकरी व मनोरंजन की न्यूज अपडेट करता हूं। मै पिछले दस साल से इस फील्ड में कार्यरत हूं। हमारा उद्देश्य पाठकों तक जल्दी से जल्दी सूचनाए प्रेसित करना है।

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